मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़तà¥à¤® हो गया।
जबसे मालूम हà¥à¤† के तà¥à¤® हमारे होना नही चाहते
जिसके à¤à¤¦à¥à¤¦à¥‡ चेहरे से डरते थे लोग, उसने अपनी बदसूरत शकà¥à¤² से कमाया खूब नाम और पैसा
जखà¥à¤® तो हम à¤à¥€ अपने दिल में तà¥à¤®à¤¸à¥‡ गहरे रखते हैं
बेहतर अनà¥à¤à¤µ के लिठअपनी सेटिंगà¥à¤¸ में जाकर हाई मोड चà¥à¤¨à¥‡à¤‚।
उनके हीं सितारे चमकते हैं, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वजन खाली जेब की होती है,
लफà¥à¤œà¥‹à¤‚ को दिल से निकलते हैं दिमाग से तो मतलब निकलते है........!!
कà¥à¤¯à¤¾ बेचकर हम खरीदे हैं फà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤â€¦ है जिंदगी…
मिले तो हजारों लोग थे, ज़िनà¥à¤¦à¤—ी में पर वो सब से अलग थी, जो किसà¥à¤®à¤¤ में नहीं थी.........!!
हौसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयों को छू कर दिखाà¤à¤
न ये पूछा कहाठपे हो, न यह जाना कि कैसे हो
मैं संà¤à¤²à¤¨à¥‡ लगा जब वह हद से गिरने लगी........!!
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